वास्तुविद् गौरव गुप्ता का जन्म 1983 में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था शुरुआत से ही हर विषय को लेकर जिज्ञासु रहे गौरव गुप्ता की दिलचस्पी शोध कार्यों में थी शुरुआती शिक्षा के बाद आपने B.Sc. एवं उसके पश्चात M.Sc.(इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी) से वर्ष 2010 में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। अपनी मुख्य शिक्षा के साथ-साथ आपने मात्र 20 वर्ष की आयु में ही (वर्ष 2003) वास्तु विषय पर अध्ययन एवं शोध कार्य आरंभ कर दिया था । इस दौरान अपने कई ग्रंथों का गहन अध्ययन किया जैसे विश्वकर्मा प्रकाश, मयमतम, मानसार, राजवल्लभ, मनुष्यालय चंद्रिका, समरांगण सूत्रधार आदि, एवं उक्त शास्त्र के नियमों को ध्यान मे रखते हुए अपने स्वयं के खर्चे से कई शहरों, मंदिरों, पुराने किलों पर शोध कार्य किये, जिसमें भोजपुर मंदिर भोपाल, तिरुपति बालाजी मंदिर, त्रयंबकेश्वर शहर (नासिक), चित्तौड़गढ़ का किला, सुप्रीम कोर्ट आफ इंडिया आदि प्रमुख हैं । वास्तु शास्त्र के साथ-साथ ज्योतिष का आरंभिक ज्ञान, अंक ज्योतिष, शिव स्वरशास्त्र, डाउजिंग,रेकी का ज्ञान भी आपको विभिन्न गुरुओं द्वारा आशीर्वाद स्वरुप मिला।
आपको अब तक विभिन्न शासकीय एवं गैर शासकीय संस्थाओं द्वारा 30 से अधिक बार सम्मानित किया जा चुका है। जुलाई- 2023 में मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग भोपाल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आपने भोजपुर मंदिर के सैकड़ो वर्षों से अधूरे रहने के कारण को वास्तु शास्त्र के आधार पर स्पष्ट किया यह भी आपके शोध का एक भाग था । वही विक्रम महोत्सव 2024 जो उज्जैन में आयोजित किया गया था जो विक्रम विश्वविद्यालय, मध्य प्रदेश संस्कृती विभाग एवं मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित किया गया था इसमें विज्ञान शोध कार्यक्रम में आपको मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया जिसमें आपने तिरुपति बालाजी मंदिर की शुभ वास्तु स्थिति, त्रयम्बकेश्वर शहर की वास्तु स्थिति, भोजपुर मंदिर आदि पर अपने शोध वास्तु शास्त्र के नियम के आधार पर रखें । सितंबर 2024 में संस्कृत महाविद्यालय इंदौर द्वारा राष्ट्रीय ज्योतिष वास्तु संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें देशभर के 100 से अधिक शोधकर्ताओं ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किया जिसमें वास्तुविद् गौरव गुप्ता को राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ता का सम्मान प्राप्त हुआ आपके द्वारा अब तक बोरिंग अर्थात भूमिगत जल स्रोत के सैकड़ो पॉइंट 98% से अधिक सूक्ष्मता और सटीकता से दिए हैं आपके द्वारा कई सार्वजनिक शिव मंदिरों का शिल्प वास्तु किया गया है ।
वर्ष 2010-11 में गौरव गुप्ता ने वास्तु दुनिया ग्रुप की स्थापना की जिसमे एक ही छत के नीचे वास्तु कंसलटेंसी, जियोपैथिक कंसलटेंसी, न्यूमरोलॉजी, लो शु ग्रिड, मोबाइल नंबर न्यूमरोलॉजी, नेम करेक्शन आदि सेवाएं सामूहिक रूप से प्रदान की जाती हैं जिससे जातक को अधिकतम अच्छे और सुखद परिणाम प्राप्त हो सकें। वास्तु दुनिया ग्रुप का मुख्य उद्देश्य वास्तु, ज्योतिष, अंक ज्योतिष, नेम करेक्शन आदि सेवाएं जनकल्याण तक सरल एवं सटीक रूप में पहुंचाना मात्र है जिससे आमजन देश की इस गुड़ और अमूल्य विधाओं की सहायता से जीवन में अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सके ।
वस्तुविद् गौरव गुप्ता
संस्थापक: वास्तु दुनिया ग्रुप
www.vaastudunia.com